युवा नेता चंद्रशेखर से एक मुलाकात

Cover of a book on Chandra Shekhar


An Interview with Young Turk Chandra Shekhar

NK SINGH

पचास साल पहले तो ऐसा नहीं लगा था, पर आज इस इंटरव्यू को देखकर आश्चर्य होता है. चन्द्रशेखर ने मुझे इंटरव्यू दे कैसे दिया? और वो भी इतने सहज भाव से, आराम से, बिना किसी हील-हवाले के, बिना किसी अपॉइंटमेंट के. 

वे १९६९ में भी देश के कद्दावर नेताओं में से एक थे. तमाम अख़बारों और पत्रिकाओं की सुर्ख़ियों में छाए रहते थे. रांची  टाइम्स, जिसके लिए मैं यह इंटरव्यू करने गया था, कोई जाना-पहचाना नाम नहीं था. और मैं तब बीए में पढ़ रहा था.

आज, पचास साल बाद जब छपे हुए अख़बार को डिजिटल करने बैठा तो इंटरव्यू की सारी कमियां साफ़ नजर आ रही हैं. ज्यादातर सवाल घिसे-पिटे हैं. सवाल पूछने वाला अपना फलसफा बघारने की कोशिश कर रहा है. पर चंद्रशेखर उनके जवाब इतनी विनम्रता से और धैर्यपूर्वक दे रहे हैं, मानों एक शिक्षक किसी मूढ़ छात्र को समझा रहा हो.

सबसे दिलचस्प सवाल-जवाब वह है, जहाँ मैं चंद्रशेखर से पूछता हूँ कि वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी छोड़कर कांग्रेस में क्यों आये. वे मुझे समझाते हैं कि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी उन्होंने छोड़ी नहीं बल्कि उन्हें वहां से निकला गया था और उसके बाद वे कांग्रेस में दाखिल हुए.

चन्द्रशेखर वाकई बड़े आदमी थे. मनुष्य जितना बड़ा होता है, उतना ही सहज होता है. 


Ranchi Times 20 April 1969
 

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